संस्कृत भाषा में सर्वनाम शब्दों का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि ये शब्द सीधे किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव को सूचित करते हैं। विद्यार्थियों को अक्सर “यह”, “वह”, “जो”, “जिस” जैसे शब्दों के रूप याद रखने में कठिनाई होती है, क्योंकि संस्कृत में इन रूपों के निर्माण में लिंग, वचन और विभक्ति का स्पष्ट संबंध होता है। इसी क्रम में जब विद्यार्थी Etat Shabd Roop या “एतत्/एतद् शब्द रूप” का अध्ययन करते हैं, तो उन्हें संस्कृत व्याकरण के सर्वनाम खंड की बुनियादी समझ प्राप्त होती है।
एतत् या एतद् शब्द का सामान्य अर्थ हिंदी में “यह” होता है। यह एक सर्वनाम है और इसे मुख्यतः नपुंसकलिंग में प्रयोग किया जाता है। जैसे—
“एतत् फलम्” अर्थात् यह फल है।
यहाँ “एतत्” शब्द उस “फल” को सूचित कर रहा है, जिसका लिंग नपुंसक है।
इस लेख में केवल Napunsak Ling (नपुंसकलिंग) के रूप दिए गए हैं। लेख का उद्देश्य केवल तालिका प्रस्तुत करना नहीं है, बल्कि Etat Shabd Roop का अर्थ, व्याकरणिक नियम, उपयोग, उदाहरण, याद करने के तरीके और परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बिंदुओं को सरल भाषा में समझाना भी है।
Etat Shabd Roop का मूल अर्थ
संस्कृत में “Etat/एतत्/एतद्” का अर्थ “यह” होता है।
यह ऐसा सर्वनाम है जो किसी निकट वस्तु पर संकेत करने के लिए प्रयोग होता है।
उदाहरण:
- एतत् पुस्तकम् — यह पुस्तक
- एतत् जलम् — यह जल
- एतत् फलम् — यह फल
यहाँ देखा जा सकता है कि “पुस्तक”, “जल” और “फल”—इन सभी के लिंग नपुंसक हैं, इसलिए इनके लिए “एतत्” का प्रयोग किया गया है।
Etat Shabd Roop — नपुंसकलिंग के रूप
नीचे एतत्/एतद् शब्द के सभी विभक्ति और वचन रूप नपुंसकलिंग में दिए गए हैं:
एतत् शब्द रूप नपुंसकलिंग (Etat Shabd Roop Table)
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
|---|---|---|---|
प्रथमा | एतत् | एते | एतानि |
द्वितीया | एतत् | एते | एतानि |
तृतीया | एतेन / एनेन | एताभ्याम् | एतैः |
चतुर्थी | एतस्मै | एताभ्याम् | एतेभ्यः |
पंचमी | एतस्मात् | एताभ्याम् | एतेभ्यः |
षष्ठी | एतस्य | एतयोः / एनयोः | एतेषाम् |
सप्तमी | एतस्मिन् | एतयोः / एनयोः | एतेषु |
तालिका से मिलने वाले मुख्य निष्कर्ष
- प्रथमा और द्वितीया एकवचन में रूप समान रहता है — “एतत्”.
- द्विवचन में प्रायः “एते” और “एताभ्याम्” मुख्य रूप दिखाई देते हैं।
- बहुवचन में “एतानि”, “एतैः”, “एतेभ्यः” और “एतेषु” सबसे अधिक प्रयोग वाले शब्द हैं।
- “एनेन” और “एनयोः” वैकल्पिक रूप हैं, जो कई प्राचीन और वैदिक ग्रंथों में मिलते हैं।
Etat Shabd Roop : क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह संस्कृत के सर्वनाम वर्ग का मुख्य आधार है।
- “तत्” और “यत्” जैसे प्रमुख सर्वनाम शब्द भी एतत् की नींव पर समझे जाते हैं।
- अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्र से इसी तालिका का रूप पूछा जाता है।
- NCERT और संस्कृत बोर्ड की पुस्तकों में यह अनिवार्य पाठ माना जाता है।
नपुंसकलिंग में Etat Shabd Roop प्रयोग के नियम
- जिस संज्ञा का लिंग नपुंसक हो, वहां “एतत्/एतद्” का प्रयोग किया जाता है।
- रूप उस संज्ञा की विभक्ति के अनुसार बदलेगा।
- वचन के अनुसार (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) रूप परिवर्तित होता है।
- जब वाक्य में “यह” शब्द किसी वस्तु, फल, ग्रंथ, स्थान आदि को सूचित करे तो Etat Shabd Roop उसमें प्रयुक्त होगा।
Etat Shabd Roop के उदाहरण वाक्य
सभी उदाहरण केवल नपुंसकलिंग में दिए गए हैं–
- एतत् जलम् शुद्धम् अस्ति।
- एतत् पुष्पम् सुगन्धितम्।
- एते फलम् मधुरम्।
- एते जलानि निर्मलानि।
- एतानि वस्त्राणि नूतनानि।
- एतस्मिन् गृहे शान्तिः वर्तते।
- एतेषु कक्षेषु छात्राः अधीयन्ते।
इन उदाहरणों में “Etat Shabd Roop” नपुंसकलिंग संज्ञाओं (जल, पुष्प, फल, वस्त्र, कक्ष) के लिए उचित रूप में प्रयुक्त हुआ है।
Etat Shabd Roop याद रखने के सरल उपाय
1. एकवचन याद रखने का तरीका
जहाँ भी “यह” किसी एक वस्तु के लिए प्रयोग हो—
एतत् ही प्रयुक्त होगा।
उदाहरण:
- एतत् जलम्
- एतत् फलम्
- एतत् पत्रम्
2. द्विवचन का संकेत
दो वस्तुओं के लिए प्रयोग:
एते (प्रथमा/द्वितीया)
और तीसरी, चौथी, पाँचवीं विभक्ति में एताभ्याम् का स्थायी प्रयोग।
3. बहुवचन में “आनि” और “भ्यः” की पहचान
- “एतानि”
- “एतेभ्यः”
- “एतेषाम्”
इन रूपों में “आनि” और “एते” का स्वरूप रूप को आसानी से पहचानने योग्य बनाता है।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
✔ एकवचन “एतत्” सदैव अपरिवर्तित
✔ द्विवचन में “एते” और “एताभ्याम्” सबसे मुख्य रूप
✔ बहुवचन में “एतानि”, “एतैः”, “एतेभ्यः”, “एतेषु” अत्यधिक महत्वपूर्ण
✔ तृतीया एकवचन का वैकल्पिक रूप: “एतेन/एनेन”
✔ षष्ठी द्विवचन में “एतयोः/एनयोः” दो मान्य रूप
वाक्यों में Etat Shabd Roop के 20 और उदाहरण
- एतत् दीपम् प्रकाशमानम्।
- एतत् धान्यम् पोषकं भवति।
- एते क्रीडाङ्गणे रमन्ते।
- एतानि पत्राणि विशुद्धानि।
- एतेषु औषधेषु लाभः अस्ति।
- एते फलं पौष्टिकम्।
- एतस्मिन् उद्याने शान्तिः।
- एतेषु तटेषु तीर्थानि।
- एतस्मिन् जलाशये नीलकमलानि।
- एते जलानि शीतलानि।
- एते फलानि पक्कानि।
- एतेषु मार्गेषु छात्राः गच्छन्ति।
- एतस्मिन् विद्यालये नियमाः काठोराः।
- एते वस्त्राणि सूक्ष्माणि।
- एते पत्राणि इतिहासं दर्शयन्ति।
- एतस्मिन् विभागे कर्मणि तत्परः कार्यम्।
- एते गीतानि मनोहराणि।
- एते फलानि रसमयानि।
- एतानि अलंकाराणि शोभायमानानि।
- एतस्मिन् प्रसङ्गे विवेकः आवश्यकः।
Etat Shabd Roop सीखते समय सामान्य भूलें
- “एते” का प्रयोग कभी-कभी विद्यार्थी पुल्लिंग समझकर गलत उपयोग कर देते हैं
→ पर नपुंसकलिंग द्विवचन और कई रूपों में भी “एते” आता है। - “एतानि” को एकवचन में लिख देने की भूल
→ “एतानि” सदैव बहुवचन है। - द्विवचन तृतीया से सप्तमी तक
→ “एताभ्याम्” हर जगह स्थायी रूप से आएगा।
छोटा सूत्र (Quick Memory Formula)
एकवचन = एतत्
द्विवचन = एते / एताभ्याम्
बहुवचन = एतानि / एतैः / एतेभ्यः / एतेषाम् / एतेषु
जो विद्यार्थी यह सूत्र याद रखते हैं, उनकी तालिका कभी नहीं भूलती।
Etat Shabd Roop और संस्कृत संस्कृति
संस्कृत में संकेतवाचक सर्वनाम केवल शब्द न होकर एक भाषा-परंपरा का भाग हैं।
“एतत्” शब्द प्राचीन वैदिक मंत्रों, उपनिषदों और महाकाव्यों में भी मिलता है।
अक्सर किसी वस्तु, विचार, उपदेश, संदर्भ, मन्त्र, यज्ञ या दार्शनिक तत्व को “एतत्” द्वारा सूचित किया जाता है।
उदाहरण—
“एतत् त्वम्” — यह तुम हो
(अद्वैत दर्शन का मूल सिद्धांत)
प्रतियोगी परीक्षा उपयोगिता
जिन परीक्षाओं में Etat Shabd Roop पूछा जाता है:
- CBSE संस्कृत परीक्षा
- UP बोर्ड
- Bihar Board
- Rajasthan Sanskrit Test
- TGT/PGT Sanskrit
- B.Ed Entrance
- Shastri परीक्षा
अत्यधिक पूछे जाने वाले रूप
बोर्ड परीक्षाओं में प्रायः निम्न रूप पूछे जाते हैं—
✔ प्रथमा एकवचन → एतत्
✔ तृतीया एकवचन → एतेन / एनेन
✔ तृतीया द्विवचन → एताभ्याम्
✔ बहुवचन प्रथमा → एतानि
✔ षष्ठी बहुवचन → एतेषाम्
निष्कर्ष (Conclusion)
Etat Shabd Roop संस्कृत व्याकरण का अत्यंत महत्वपूर्ण सर्वनाम रूप है, जो नपुंसकलिंग वस्तुओं, विचारों और प्रसंगों के लिए प्रयुक्त होता है। इसे सही ढंग से समझने के लिए लिंग, वचन और विभक्ति की पहचान आवश्यक है। तालिका देखकर विद्यार्थी आसानी से यह समझ सकते हैं कि एकवचन में “एतत्”, द्विवचन में “एते” और बहुवचन में “एतानि” जैसे रूप कैसे उचित स्थान पर प्रयुक्त होंगे।
जो विद्यार्थी इस रूप को याद कर लेते हैं, वे अन्य सर्वनाम रूप जैसे तत् और यत् भी
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