संस्कृत व्याकरण में “राजा (Raja)” शब्द का अपना एक अलग महत्व है। यह शब्द केवल शासन करने वाले व्यक्ति या राजतंत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के प्रमुख उदाहरण के रूप में अध्ययन किया जाता है। जब भी विद्यार्थी संस्कृत में शब्द रूप (Shabd Roop in Sanskrit → संस्कृत में शब्द रूप) सीखना शुरू करते हैं, तो "Raja Shabd Roop" सबसे पहले सिखाया जाता है।
इस शब्द के रूपांतरण, धात्विक परिवर्तन और विभक्ति-विशेष के अनुसार बनने वाले विभिन्न रूप विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा की संरचना और उसकी गहराई को समझने में अत्यंत सहायक होते हैं।
यह लेख आपको Raja Shabd Roop(राजा शब्द के रूप ) को बेहद सरल और सुगम भाषा में समझाएगा, जिससे विद्यार्थी, प्रतियोगी परीक्षार्थी और सामान्य पाठक—सभी आसानी से इसके पूरे रूपों को याद कर सकें और अभ्यास में ला सकें।

राजा शब्द का परिचय — Introduction to Raja Shabd Roop
राजा (Raja) संस्कृत का अकारान्त पुल्लिंग (A-ending masculine) शब्द है। इसका धातु रूप “राजन्” माना जाता है, लेकिन व्यवहार में इसका सबसे प्रचलित रूप “राजा” ही है।
संस्कृत में राजा शब्द सत्ता, शक्ति, नेतृत्व और शासन का प्रतिनिधि है। व्याकरण के अनुसार इसकी विभक्ति-परिवर्तन, वचन-परिवर्तन और धात्वर्थ आधारित रूपांतरण इसे और भी रोचक बनाते हैं।
इस लेख में “Raja Shabd Roop” को तीनों वचनों (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) और आठों विभक्तियों में प्रस्तुत किया गया है।
राजा शब्द रूप तालिका — Raja Shabd Roop Table
यहाँ आपको Raja Shabd Roop पूरी तरह सुव्यवस्थित तालिका में दिया जा रहा है, जो पाठ्यक्रम, बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में 100% उपयोगी है।

राजा शब्द रूप (पुल्लिंग) - Raja Shabd Roop
(अकारान्त पुंलिङ्ग — Masculine A-ending Noun)
विभक्ति (Case) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
|---|---|---|---|
प्रथमा | राजा | राजानौ | राजानः |
द्वितीया | राजानम् | राजानौ | राज्ञः |
तृतीया | राज्ञा | राजभ्याम् | राजभिः |
चतुर्थी | राज्ञे | राजभ्याम् | राजभ्यः |
पंचमी | राज्ञः | राजभ्याम् | राजभ्यः |
षष्ठी | राज्ञः | राज्ञोः | राज्ञाम् |
सप्तमी | राज्ञि / राजनि | राज्ञोः | राजसु |
सम्बोधन | हे राजन्! | हे राजानौ! | हे राजानः! |
राजा शब्द रूप (स्त्रीलिंग) – Raja Shabd Roop (Striling)
(स्त्रीलिंग शब्द — “राजा” का स्त्रीलिंग रूप “रजा/रजा (Rajā)” माना जाता है।)
नीचे की तालिका 100% सही स्त्रीलिंग रूपों के अनुसार तैयार की गई है:

राजा शब्द रूप (स्त्रीलिंग)
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
|---|---|---|---|
प्रथमा | राजा | राजे | राजाः |
संबोधन | राजे | राजे | राजाः |
द्वितीया | राजाम् | राजे | राजाः |
तृतीया | राजया | राजाभ्याम् | राजाभिः |
चतुर्थी | राजायै | राजाभ्याम् | राजाभ्यः |
पंचमी | राजायाः | राजाभ्याम् | राजाभ्यः |
षष्ठी | राजायाः | राजयोः | राजानाम् |
सप्तमी | राजायाम् | राजयोः | राजासु |
ध्यान दें — Important Note
- “राजा” मूल रूप से पुल्लिंग अकारान्त शब्द है।
- स्त्रीलिंग बनाते समय इसका रूप बदलकर “राजा (Rajā)” या “रजा” के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- ऊपर दी गई तालिका मानक स्त्रीलिंग-रूप के अनुसार तैयार की गई है।
राजा शब्द रूप कैसे बनता है? (How Raja Shabd Roop is Formed)
जब विद्यार्थी “Raja Shabd Roop” सीखते हैं, तो सबसे पहला प्रश्न होता है—
आखिर ‘राजा’ कैसे ‘राज्ञा’, ‘राज्ञे’, ‘राजानः’ जैसे रूपों में बदल जाता है?
इसका कारण है—
✔ “ज्ञ” ध्वनि का रूपांतर
कुछ विभक्तियों में मूल शब्द का अंत "न्" ध्वनि से जुड़ता है, जिससे “ज्ञ” ध्वनि बनती है —
- राजा → राज्ञा
- राजा → राज्ञे
- राजा → राज्ञः
- राजा → राज्ञाम्
यह परिवर्तन ईषत् ध्वनि-परिवर्तन (minor sound modification) का परिणाम है।
✔ ‘औ’ और ‘अः’ अतिरिक्त रूप
- द्विवचन में “औ” का प्रयोग
- बहुवचन में “अः” और “आः” का प्रयोग
इससे रूप अधिक स्पष्ट हो जाते हैं।
राजा शब्द रूप याद करने का मंत्र (Memory Tip)
बहुत से विद्यार्थी “Raja Shabd Roop” को कठिन मानते हैं, लेकिन सही तकनीक अपनाई जाए तो यह बेहद आसान है।
✔ आसान ट्रिक:
“राजा–राजानौ–राजानः”
(प्रथमा विभक्ति)
“राजानम्–राजानौ–राज्ञः”
(द्वितीया विभक्ति)
यही ध्वनि पैटर्न आगे भी लगभग समान चलता है:
- राज्ञा
- राज्ञे
- राज्ञः
- राज्ञाम्
इस क्रम को याद करने पर कोई भी विद्यार्थी पूरी तालिका बिना गलती लिख सकता है।

राजा शब्द रूप के प्रयोग (Usage Examples of Raja Shabd Roop)
नीचे कुछ वाक्य दिए जा रहे हैं जहाँ Raja Ke Roop का प्रयोग हुआ है—
✔ प्रथमा (Subject)
राजा प्रजाओं की रक्षा करता है।
✔ द्वितीया (Object)
लोगों ने राजानम् देखा।
✔ तृतीया (With/By)
मैंने राज्ञा से बात की।
✔ चतुर्थी (For)
यह उपहार राज्ञे दिया गया।
✔ पंचमी (From)
उन्होंने राज्ञः भय खाया।
✔ षष्ठी (Of)
यह राज्ञः सिंहासन है।
✔ सप्तमी (In/On)
कथा राज्ञि लिखी गई है।
✔ सम्बोधन (Calling)
हे राजन्, कृपया सुनें!
राजा शब्द रूप क्यों महत्वपूर्ण है?
संस्कृत पाठ्यक्रम में “Raja Shabd Roop” को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि—
✔ यह अकारान्त पुल्लिंग शब्दों का आधार है
राम, पण्डित, बालक, गुरुः—सभी शब्द इससे जुड़े नियमों पर आधारित हैं।
✔ यह प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है
विशेषकर—
- CBSE / RBSE / UP Board
- Sanskrit entrance exams
- शिक्षक भर्ती परीक्षा
- NCERT संस्कृत पाठ्यक्रम
✔ भाषा-ज्ञान बढ़ाता है
जितने अधिक शब्द रूप सीखेंगे, उतनी संस्कृत मजबूत होगी।
राजा शब्द रूप और अन्य अकारान्त शब्दों का संबंध
राम, बालक, देव, गुरु आदि शब्दों के रूप लगभग इसी प्रकार बनते हैं, पर “राजा” में ‘ज्ञ’ का परिवर्तन इसे थोड़ा विशिष्ट बना देता है।
इसलिए इसे विशेष रूप से कक्षा 6–12 के विद्यार्थियों को बार-बार लिखने को कहा जाता है।
राजा शब्द रूप – विस्तृत विश्लेषण
यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ हम राजा शब्द के प्रत्येक विभक्ति-रूप का अर्थ, प्रयोग, व्याकरणिक महत्व और उपयोग समझेंगे।
प्रथमा विभक्ति – Raja Shabd Roop मुख्य रूप
राजा, राजानौ, राजानः
प्रथमा विभक्ति का प्रयोग वाक्य के कर्ता (Subject) के लिए होता है।
उदाहरण:
- राजा आया।
- राजानौ वन में गए।
- राजानः सभा में उपस्थित हुए।
द्वितीया विभक्ति – Object के लिए प्रयोग
राजानम्, राजानौ, राज्ञः
यह विभक्ति कर्म (Object) के लिए प्रयुक्त होती है।
उदाहरण:
- मैंने राजानम् देखा।
- लोगों ने राजानौ बुलाया।
- सैनिकों ने राज्ञः सम्मान किया।
तृतीया विभक्ति – करण कारक
राज्ञा, राजभ्याम्, राजभिः
"के द्वारा", "के साथ" के अर्थ में प्रयोग होता है।
उदाहरण:
- निर्णय राज्ञा किया गया।
- आदेश राजभ्याम् जारी किए गए।
चतुर्थी विभक्ति – सम्प्रदान कारक
राज्ञे, राजभ्याम्, राजभ्यः
"के लिए" के अर्थ में।
उदाहरण:
- यह सिंहासन राज्ञे दिया गया।
पंचमी विभक्ति – अपादान कारक
राज्ञः, राजभ्याम्, राजभ्यः
"से" या "द्वारा हटकर" के अर्थ में।
षष्ठी विभक्ति – संबंध कारक
राज्ञः, राज्ञोः, राज्ञाम्
"का/की/के" के अर्थ में।
उदाहरण:
- यह मुकुट राज्ञः है।
- यह महल राज्ञाम् है।
सप्तमी विभक्ति – अधिकरण कारक
राज्ञि, राजनि, राज्ञोः, राजसु
"में / पर" के अर्थ में।
उदाहरण:
- आदेश राज्ञि लिखा है।
सम्बोधन विभक्ति – संबोधन रूप
हे राजन्!, हे राजानौ!, हे राजानः!
किसी को पुकारने या संबोधित करने के लिए।
राजा शब्द रूप – अभ्यास तालिका (Practice Table in Hindi)
प्रैक्टिस टेबल 1: रिक्त स्थान भरें (Fill in the Blanks)
(A) एकवचन रूप भरें
- प्रथमा एकवचन — ______
- द्वितीया एकवचन — ______
- तृतीया एकवचन — ______
- चतुर्थी एकवचन — ______
- पंचमी एकवचन — ______
- षष्ठी एकवचन — ______
- सप्तमी एकवचन — ______
- सम्बोधन एकवचन — ______
(B) द्विवचन रूप भरें
- प्रथमा द्विवचन — ______
- द्वितीया द्विवचन — ______
- तृतीया द्विवचन — ______
- चतुर्थी द्विवचन — ______
- पंचमी द्विवचन — ______
- षष्ठी द्विवचन — ______
- सप्तमी द्विवचन — ______
- सम्बोधन द्विवचन — ______
(C) बहुवचन रूप भरें
- प्रथमा बहुवचन — ______
- द्वितीया बहुवचन — ______
- तृतीया बहुवचन — ______
- चतुर्थी बहुवचन — ______
- पंचमी बहुवचन — ______
- षष्ठी बहुवचन — ______
- सप्तमी बहुवचन — ______
- सम्बोधन बहुवचन — ______
प्रैक्टिस टेबल 2: सही विकल्प चुनें (Choose the Correct Answer)
- "राज्ञा" किस विभक्ति का रूप है?
a) तृतीया एकवचन
b) पंचमी एकवचन
c) चतुर्थी बहुवचन - "राजानौ" किस वचन का रूप है?
a) एकवचन
b) द्विवचन
c) बहुवचन - “राज्ञाम्” किस विभक्ति का बहुवचन है?
a) षष्ठी
b) सप्तमी
c) चतुर्थी - “हे राजन्!” किस विभक्ति का उदाहरण है?
a) सम्बोधन
b) प्रथमा
c) द्वितीया - “राजासु” किस विशेष रूप का बहुवचन है?
a) सप्तमी
b) पंचमी
c) तृतीया
प्रैक्टिस टेबल 3: रूप मिलाएँ (Match the Following)
A (रूप) | B (विभक्ति + वचन) |
|---|---|
(1) राजानौ | (a) तृतीया बहुवचन |
(2) राज्ञे | (b) द्विवचन प्रथमा/द्वितीया |
(3) राजभिः | (c) चतुर्थी एकवचन |
(4) राजानः | (d) बहुवचन प्रथमा |
(5) राजाभ्याम् | (e) तृतीया/चतुर्थी/पंचमी द्विवचन |
प्रैक्टिस टेबल 4: वाक्य रूपांतरण (Sentence Transformation)
नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित शब्द को राजा शब्द के किसी अन्य रूप से बदलें:
- राजा सभा में बैठा।
→ रूप बदलें: __________________ - सैनिकों ने राजानम् देखा।
→ रूप बदलें: __________________ - आदेश राज्ञा दिया गया।
→ रूप बदलें: __________________ - यह उपहार राज्ञे दिया गया।
→ रूप बदलें: __________________ - कथा राज्ञि लिखी हुई है।
→ रूप बदलें: __________________
निष्कर्ष (Conclusion)
इस विस्तृत और सुव्यवस्थित लेख में हमने Raja Shabd Roop राजा शब्द रूप और संस्कृत व्याकरण में राजा शब्द के रूप, Raja ke Shabd Roop in Sanskrit से संबंधित हर आवश्यक जानकारी को अत्यंत सरल, मानवीय और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया। राजा जैसे अकारान्त पुल्लिंग शब्द का अध्ययन केवल परीक्षाओं के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि संस्कृत व्याकरण की आधारशिला को समझने में भी इसका विशेष योगदान है।
लेख में हमने यह भी देखा कि किस प्रकार राजा शब्द अपने विभिन्न रूपों—एकवचन, द्विवचन और बहुवचन—में विभक्ति परिवर्तन के माध्यम से अलग-अलग अर्थ और भूमिका निभाता है। इससे पाठक न केवल इसके रूपों को याद कर पाते हैं, बल्कि संस्कृत भाषा की मौलिक संरचना, ध्वनि-परिवर्तन, और व्याकरणिक नियमों को भी गहराई से समझने लगते हैं।
Raja Shabd Roop के अभ्यास से विद्यार्थी यह सीखते हैं कि शब्दों का संरचनात्मक विश्लेषण कैसे किया जाता है, किस प्रकार धातु, प्रत्यय और विभक्ति मिलकर किसी शब्द के अनेक रूप बनाते हैं, और ये रूप वाक्य में किस कारक के अनुसार बदलते हैं। यह ज्ञान उन्हें आगे आने वाले अन्य अकारान्त एवं नकारान्त शब्दों को पढ़ने में भी सहायता करता है।
अभ्यास और दोहराव के माध्यम से कोई भी विद्यार्थी राजा शब्द रूप को सहजता से याद कर सकता है। लेख में दिए गए उदाहरण, तालिकाएँ और व्याख्याएँ इस प्रक्रिया को और भी सरल बनाती हैं।
अंततः, यह लेख केवल “शब्द रूप” की सूची भर नहीं प्रस्तुत करता, बल्कि यह समझाता है कि संस्कृत व्याकरण कैसे कार्य करता है, वाक्य निर्माण कैसे होता है, और क्यों Raja Shabd Roop सीखना संस्कृ
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