Mati Shabd Roop in Sanskrit | मति शब्द के रूप

Education E-Learning 27 Oct 2025

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संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक भाषाओं में से एक है। इस भाषा में प्रत्येक शब्द का रूप और प्रयोग अत्यंत सुव्यवस्थित होता है। जब कोई विद्यार्थी संस्कृत सीखता है, तो उसे सबसे पहले Shabd Roop (शब्द रूप) बनाना सिखाया जाता है, क्योंकि यही व्याकरण का आधार होता है। उन्हीं शब्द रूपों में से एक है — Mati Shabd Roop in Sanskrit यानी मति शब्द के रूप।

मति संस्कृत का एक प्रसिद्ध शब्द है जिसका अर्थ होता है बुद्धि, विचार, मन या सोच। यह एक इकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा है। संस्कृत में स्त्रीलिंग शब्दों के कई प्रकार होते हैं — आकारान्त, इकारान्त, ऊकारान्त आदि। इनमें “मति” उस वर्ग में आता है जो “इ” से समाप्त होते हैं, इसलिए इसे इकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा कहा जाता है।


Mati Shabd Roop in Sanskrit
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मति शब्द का सामान्य अर्थ

संस्कृत में “मति” शब्द का प्रयोग बुद्धि, सोच, विचार या निश्चय के अर्थ में किया जाता है।
जैसे —

उसकी मति भ्रष्ट हो गई है।
(अर्थात उसकी बुद्धि विनाश की ओर जा रही है।)

मनुष्य के विचार, विवेक और उसकी निर्णय शक्ति ही उसकी “मति” कहलाती है। यही मति उसे अन्य जीवों से श्रेष्ठ बनाती है।

मति शब्द की व्याकरणिक पहचान

विशेषता

विवरण

शब्द

मति

अर्थ

बुद्धि, विचार, सोच

लिंग

स्त्रीलिंग

अन्त

इकारान्त

वचन

एकवचन, द्विवचन, बहुवचन

प्रकार

संज्ञा

लिंग वर्ग

इकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा

उपयोग

शक्ति, स्मृति, बुद्धि जैसे शब्दों की तरह

संस्कृत में शब्दों के रूप बनाना अत्यंत आवश्यक होता है, क्योंकि हर विभक्ति (case) और वचन (number) के अनुसार शब्द का रूप बदल जाता है। यही कारण है कि वाक्य के अर्थ में सटीकता बनी रहती है।

Mati Shabd Roop in Sanskrit (मति शब्द के रूप)

नीचे “मति” शब्द के सभी रूप विभक्ति और वचन के अनुसार दिए गए हैं। विद्यार्थी इन्हें ध्यानपूर्वक याद करें, क्योंकि इसी तरह के रूप अन्य Shabd Roop जैसे शक्ति, स्मृति, दृष्टि, कीर्ति आदि में भी उपयोग किए जाते हैं।

मति शब्द के रूप (तालिका)

विभक्ति (Vibhakti)

एकवचन (Ekavachan)

द्विवचन (Dvivachan)

बहुवचन (Bahuvachan)

प्रथमा (Nominative)

मतिः

मती

मतयः

द्वितीया (Accusative)

मतिम्

मती

मतीः

तृतीया (Instrumental)

मत्या

मतिभ्याम्

मतिभिः

चतुर्थी (Dative)

मत्यै / मतये

मतिभ्याम्

मतिभ्यः

पञ्चमी (Ablative)

मत्याः / मतेः

मतिभ्याम्

मतिभ्यः

षष्ठी (Genitive)

मत्याः / मतेः

मत्योः

मतीनाम्

सप्तमी (Locative)

मत्याम् / मतौ

मत्योः

मतिषु

सम्बोधन (Vocative)

हे मते!

हे मती!

हे मतयः!

रूपों का प्रयोग (Usage Examples)

  1. प्रथमा विभक्ति: मति बुद्धिं दर्शयति।
    (The intellect reveals understanding.)
  2. द्वितीया विभक्ति: सः मतिं पश्यति।
    (He perceives the thought.)
  3. तृतीया विभक्ति: मत्याः सहायेन कार्यं सिद्धं भवति।
    (With the help of intellect, the work is completed.)
  4. सप्तमी विभक्ति: मत्याम् स्थितः पुरुषः ध्यायति।
    (The person absorbed in thought meditates.)

मति शब्द का सांस्कृतिक और दार्शनिक अर्थ

भारतीय दर्शन में “मति” केवल बुद्धि का संकेत नहीं है, बल्कि यह विवेक और आत्म-ज्ञान का प्रतीक मानी जाती है। उपनिषदों और गीता में भी मनुष्य की मति को नियंत्रित करने की बात कही गई है।

“यस्य मति स्थिरा भवति, स एव ज्ञानी।”
(जिसकी बुद्धि स्थिर रहती है, वही ज्ञानी कहलाता है।)

संस्कृत व्याकरण सिखाने का उद्देश्य केवल रूप याद कराना नहीं, बल्कि इन रूपों से शब्दों की प्रकृति और उनके भाव को समझना भी होता है। Mati Shabd Roop in Sanskrit इसलिए विशेष है क्योंकि यह विद्यार्थियों को इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों का सम्पूर्ण ज्ञान देता है।


Mati Shabd Roop in Sanskrit


अन्य समान शब्द (Similar Shabd Roop)

मति की तरह कुछ अन्य शब्द हैं जो इकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा के रूप में प्रयोग होते हैं —

शक्ति, स्मृति, प्रीति, कीर्ति, नीति, दृष्टि, श्रुति, गति, शान्ति, उक्ति, कृति, प्रकृति, भूमि, रात्रि, बुद्धि, सम्पत्ति, विपत्ति, उन्नति, अवनति इत्यादि।

इन सभी शब्दों के रूप “मति” शब्द के समान ही बनते हैं। इसलिए “मति शब्द रूप” को आधार मानकर अन्य Shabd Roop भी आसानी से सीखे जा सकते हैं।

Roman Transliteration of Mati Shabd Roop in Sanskrit

Vibhakti

Ekavachan

Dvivachan

Bahuvachan

Prathamā

Matiḥ

Matī

Matayaḥ

Dvitīyā

Matim

Matī

Matīḥ

Tr̥tīyā

Matyā

Matibhyām

Matibhiḥ

Chaturthī

Matyai / Mataye

Matibhyām

Matibhyaḥ

Pañcamī

Matyāḥ / Mateḥ

Matibhyām

Matibhyaḥ

Ṣaṣṭhī

Matyāḥ / Mateḥ

Matyoḥ

Matīnām

Saptamī

Matyām / Matāu

Matyoḥ

Matiṣu

Sambodhan

He Mate!

He Matī!

He Matayaḥ!

अर्थ और प्रयोग का सारांश

“मति” शब्द मनुष्य के विचार और समझ को व्यक्त करता है। यह केवल भाषा का शब्द नहीं, बल्कि विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम है।
संस्कृत व्याकरण के अध्ययन में जब विद्यार्थी Mati Shabd Roop in Sanskrit को पढ़ते हैं, तो वे केवल एक शब्द का रूप नहीं सीखते, बल्कि पूरे इकारान्त स्त्रीलिंग शब्द समूह को समझने का अवसर प्राप्त करते हैं।

Shabd Roop के महत्वपूर्ण बिंदु

  1. प्रत्येक संस्कृत वाक्य की नींव शब्द रूप पर आधारित होती है।
  2. “मति” जैसे शब्द इकारान्त स्त्रीलिंग वर्ग का उदाहरण हैं।
  3. शुद्ध उच्चारण के साथ शब्द रूप याद करना व्याकरणिक शुद्धता के लिए आवश्यक है।
  4. Mati Shabd Roop in Sanskrit सीखने से अन्य शब्द जैसे शक्ति, बुद्धि, नीति, स्मृति आदि सहज हो जाते हैं।
  5. संस्कृत के प्रत्येक संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण के अलग-अलग रूप बनते हैं।

उदाहरण वाक्य (Sample Sentences)

  1. मति नास्ति तस्य। — उसके पास बुद्धि नहीं है।
  2. विद्या मत्यां वर्धते। — ज्ञान बुद्धि में बढ़ता है।
  3. मत्याः कृते कार्यं सफलं भवति। — विचार से किया गया कार्य सफल होता है।
  4. मत्याम् अधिष्ठितः साधकः समाधिं लभते। — विचार में स्थित व्यक्ति समाधि को प्राप्त करता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

संस्कृत व्याकरण के अध्ययन में Mati Shabd Roop in Sanskrit अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। यह विद्यार्थियों को न केवल इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के रूप सिखाता है बल्कि भाषा की गहराई और संरचना को भी समझने का अवसर देता है।
“मति” शब्द बुद्धि और विवेक का प्रतीक है, और इस शब्द के माध्यम से संस्कृत के भावात्मक सौंदर्य को जाना जा सकता है।

जो विद्यार्थी संस्कृत में निपुण होना चाहते हैं, उन्हें “मति शब्द के रूप” का नियमित अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इससे न केवल व्याकरण सुदृढ़ होता है, बल्कि भाषा-बोध भी गहरा होता है।

FAQs


मति शब्द किस लिंग का है?

“मति” एक स्त्रीलिंग शब्द है और इकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा के रूप में प्रयोग होता है।

मति शब्द का अर्थ क्या है?

मति का अर्थ बुद्धि, विचार, मन, सोच या विवेक होता है।

Mati Shabd Roop in Sanskrit का प्रयोग कैसे किया जाता है?

विभक्ति और वचन के अनुसार इसका रूप बदलता है — जैसे मतिः, मतिम्, मत्याः आदि।

मति शब्द के समान अन्य शब्द कौन-से हैं?

शक्ति, स्मृति, नीति, प्रीति, दृष्टि, कीर्ति, बुद्धि आदि शब्द “मति” की तरह इकारान्त स्त्रीलिंग हैं।

शब्द रूप सीखना क्यों आवश्यक है?

संस्कृत वाक्य रचना का आधार शब्द रूप हैं। इनके बिना भाषा का सही प्रयोग संभव नहीं।

मति शब्द किस वर्ग में आता है?

यह इकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा वर्ग में आता है।

क्या मति शब्द से कोई विशेष भाव जुड़ा है?

“मति” मानव की सोच और विवेक का प्रतीक मानी जाती है।

संस्कृत में मति का प्रयोग किन ग्रंथों में मिलता है?

महाभारत, उपनिषद, भगवद्गीता और अनेक श्लोकों में “मति” शब्द का प्रयोग बुद्धि और विवेक के अर्थ में किया गया है।

मति शब्द किस धातु से बना है?

यह “मन” धातु से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है सोचना या विचार करना।

विद्यार्थियों को मति शब्द कैसे याद करना चाहिए?

तालिका देखकर उच्चारण के साथ बार-बार दोहराने से मति शब्द रूप सहजता से याद हो जाता है।

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