Pita Shabd Roop in Sanskrit — परिचय और महत्व
“Pita Shabd Roop” संस्कृत व्याकरण में एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। यदि कोई छात्र संस्कृत भाषा सीख रहा है, तो Shabd Roop का ज्ञान अवश्य होना चाहिए। “Shabd Roop” उन रूपों को कहते हैं जो किसी शब्द के विभक्तियों (cases) और वचनों (numbers) के अनुसार बदलते हैं। इस लेख का उद्देश्य है कि पाठक Pita Shabd Roop को गहराई से समझ सके, उसके सभी रूप याद रख सके, और परीक्षा तथा भाषाई प्रयोग दोनों में उसे सहजता से उपयोग कर सके।
यह लेख यह बताएगा कि “पिता / पितृ” शब्द किस प्रकार ऋकारांत पुल्लिंग संज्ञा (Rikāraant Pullinga) है, उसके सभी विभक्ति-रूप कैसे बनते हैं, साथ ही कुछ युक्तियाँ (trick) और 10 महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs) शामिल होंगे, ताकि इस विषय में संदेह न बचे।

Shabd Roop क्या है?
“Shabd Roop” शब्द से आशय है किसी नाम (संज्ञा), सर्वनाम या विशेषण आदि शब्द का वह रूप जो विभक्ति (case) और वचन (number) के अनुसार बदलता है। उदाहरण के लिए, “राम” शब्द का Ram Shabd Roop अलग-अलग विभक्तियों में बदलता है: “रामः, रामम्, रामे” आदि। इसी प्रकार “पिता / पितृ” शब्द का Pita Shabd Roop अलग-अलग रूप लेता है।
संक्षिप्त रूप से:
- शाब्दिक रूपांतरण, विभक्ति और वचन के अनुसार
- शब्द का मूल रूप (stem) और प्रत्यय (suffix) मिलकर नया रूप देते हैं
- Shabd Roop ज्ञान से भाषा की शुद्धता बनी रहती है
जब पाठक Pita Shabd Roop याद रखता है, तो वह संस्कृत वाक्यों में “पिता” शब्द को सही विभक्ति वचन के अनुसार रख सकता है, जैसे “हे पितरः!”, “पितरम् अपृच्छेत्” आदि।

पिता / पितृ: एक दृष्टि
“पिता” या “पितृ” (Pita / Pitr̥) वह शब्द है जिसका लिंग पुल्लिंग (masculine) है और अंत ऋ (ṛ) में होता है, इसलिए इसे ऋकारांत पुल्लिंग (Rikāraant Pullinga) कहा जाता है। वह एक सामान्य संज्ञा है, जिसका अर्थ “father / बाप / पिता” होता है। इस शब्द का Shabd Roop अन्य ऋकारांत पुल्लिंग संज्ञा (जैसे भ्रातृ, देवृ, जामातृ आदि) की तरह ही बनता है, यानी उन शब्दों की decline करने की पद्धति मिलती-जुलती होगी।
जब कोई छात्र Pita Shabd Roop को सीखता है, वह न केवल “पिता” शब्द को सही रूप में लिख पाएगा, बल्कि अन्य ऋकारांत संज्ञा शब्दों के रूपों को भी समझने में सहज हो जाएगा।
Pita Shabd Roop — विभक्ति एवं वचन रूप
नीचे एक स्पष्ट तालिका दी है जिसमें Pita Shabd Roop के सभी विभक्ति-रूप (cases) और वचन (number) दिखाए गए हैं:
विभक्ति (Case) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथमा (Nominative) | पिता | पितरौ | पितरः |
द्वितीया (Accusative) | पितरम् | पितरौ | पितृन् |
तृतीया (Instrumental) | पित्रा | पितृभ्याम् | पितृभिः |
चतुर्थी (Dative / to-for case) | पित्रे | पितृभ्याम् | पितृभ्यः |
पंचमी (Ablative / from case) | पितुः | पितृभ्याम् | पितृभ्यः |
षष्ठी (Genitive / of-case) | पितुः | पित्रोः | पितृणाम् |
सप्तमी (Locative / in-case) | पितरि | पित्रोः | पितृषु |
सम्बोधन (Vocative / addressing case) | हे पितः! | हे पितरौ! | हे पितरः! |
इस तालिका से स्पष्ट है कि “पिता / पितृ” शब्द किस प्रकार विभक्ति-रूप लेता है।
कुछ विशेष ध्यान देने योग्य बिंदु:
- द्विवचन (Dual) में प्रथमा और द्वितीया दोनों में “पितरौ” प्रयोग होता है।
- बहुवचन (Plural) की द्वितीया विभक्ति में “पितृन्” रूप आता है, ध्यान रहे कि इसमें ‘ṛ’ को थोड़ा विशेष ध्वनि मिलती है।
- षष्ठी बहुवचन में “पितृणाम्” और सप्तमी बहुवचन में “पितृषु” रूप है।
- सम्बोधन (Vocative) में “हे पितः!” (Singular), “हे पितरौ!” (Dual) और “हे पितरः!” (Plural) उपयोग होते हैं।
यह तालिका Pita Shabd Roop के सम्पूर्ण रूपों को समाहित करती है।

Pita Shabd Roop याद करने की टिप्स (Memory Tricks)
शब्द रूप याद करना हमेशा आसान नहीं होता। नीचे कुछ सुझाव दिए रहे हैं जो Pita Shabd Roop और अन्य Shabd Roop को याद रखने में मदद कर सकते हैं:
- समान पैटर्न पहचानना
चूंकि “पिता / पितृ” एक ऋकारांत पुल्लिंग संज्ञा है, इसलिए वह उन अन्य शब्दों जैसे भ्रातृ, देवृ, जामातृ आदि के तरह declension pattern अपनाता है। यदि एक उदाहरण याद रहे, तो अन्य भी उसी शैली में याद हो सकते हैं। - विभक्ति-प्रत्यय सूची बनाना
“—ः, —म्, —ा, —े, —ुः, —ः, —ि, —” जैसे प्रत्ययों की सूची पहले याद रखें, फिर उन्हें पिता शब्द से जोड़ें: पिता + —ः = पितरः, पिता + —म् = पितरम् इत्यादि। - द्विवचन विशेष रूप (पितरौ)
ध्यान रखें कि प्रथमा एवं द्वितीया दोनों में द्विवचन रूप पितरौ ही रहेगा। यह एक अनूठी विशेषता है जिसका सहारा लिया जा सकता है। - सम्बोधन में “हे” जोड़ना
सम्बोधन रूप (Vocative) को याद करने के लिए “हे पितः!, हे पितरौ!, हे पितरः!” को धुन बनाकर याद किया जा सकता है। - नियमित अभ्यास और लिखना
रोज़ एक-एक विभक्ति लिखना, वाक्यों में प्रयोग करना, और पुनरावृत्ति करना सबसे बेहतर तरीका है।
इन युक्तियों द्वारा विद्यार्थी Pita Shabd Roop और अन्य Shabd Roop को लंबे समय तक याद रख सकता है।
Pita Shabd Roop का प्रयोग (Usage in Sentences)
शब्द रूप केवल रूपों का ज्ञान नहीं है, उसे वाक्यों में सही उपयोग करना अहम है। नीचे कुछ उदाहरण दिए हैं:
- प्रथमा (Singular)
– पिता गृहम् आगतः। (The father came home.)
– हे पितः, कथम अस्ति त्वम्? (O father, how are you?) - द्वितीया (Plural)
– छात्राः पितरम् पृच्छन्ति। (The students ask the father.) - तृतीया (Instrumental / with / by)
– बालकः पित्रा सह गच्छति। (The child goes with father.) - चतुर्थी (Dative / to-for)
– पुत्रः पित्रे पुस्तकं ददाति। (The son gives book to father.) - पंचमी (Ablative / from)
– भ्राता पितुः निन्दां अवदत्। (Brother criticized father.) - षष्ठी (Genitive / of-case)
– पुत्रस्य पितुः नाम … (The name of the son’s father is ...) - सप्तमी (Locative / in-case)
– पितरि वासः सुन्दरः। (In father’s house is beautiful.) - सम्बोधन (Vocative)
– हे पितरः, आगच्छतु! (O fathers, come!)
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि Pita Shabd Roop को विभक्तियों और वचनों के अनुसार वाक्यों में कैसे प्रयोग करना चाहिए।
Shabd Roop – अन्य उदाहरणों से तुलना
जब कोई विद्यार्थी Pita Shabd Roop को अच्छे से जान ले, तो वह अन्य Shabd Roop जैसे भ्रातृ (भाई), मातृ (माँ), देवृ (देवता) आदि भी उसी लॉजिक से बना सकता है। उदाहरण स्वरूप:
- भ्रातृ (भाई) शब्द का Shabd Roop = भ्रातुः, भ्रातरौ, भ्रातरः आदि
- मातृ (माता) शब्द का Shabd Roop = माता, मातरौ, मातरः आदि
इस प्रकार Pita Shabd Roop सीखने से शेष Shabd Roop की समझ भी सहज होती है।
निष्कर्ष
लेख में प्रस्तुत Pita Shabd Roop से छात्र यह जान सकता है कि “पिता / पितृ” शब्द किस प्रकार विभक्तियों और वचनों के अनुसार अपने रूप बदलता है। Shabd Roop का यह ज्ञान न केवल परीक्षा में सहायक है, बल्कि संस्कृत भाषा प्रयोग में भी आत्मविश्वास बढ़ाता है। तालिका, उदाहरण व टिप्स के माध्यम से यह लेख यह सुनिश्चित करता है कि विद्यार्थी Pita Shabd Roop को पूरी तरह से अपने में आत्मसात कर ले।
यदि पाठक चाहे तो अन्य शब्दों जैसे मातृ Shabd Roop, भ्रातृ Shabd Roop आदि के लेख भी पढ़ सकता है और तुलना कर सकता है।
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